बुधवार, 17 फ़रवरी 2021

बाल कविता~ ईश प्रार्थना

ईश प्रार्थना~जयकारी छंद

हे  प्रभु  दे अइसन वरदान।
सबझन पावँय अक्षर ज्ञान।।

हाथजोड़ हम करन प्रणाम।
आवँन सदा दुसर के काम।।

सुमता  गंगा  हमन  नहान।
मनखे-मनखे  एक  समान।।

छुआछूत  के  भागय  रोग।
अंतस जागय सबबर सोग।।

बोली   बोलन  गुरतुर  नीक।
काम करन झन कोनो खीक।।
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कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा छत्तीसगढ़

सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

जनऊला

जानव जनउला
1~
कारी गाय कलिन्दर खाय।
दुहते  रहव  दुहाते  जाय।।
जुच्छा एखर तीर म आँय।
टीप-टीप भरके घर जाँय।।

2~
करिया घोड़ा भागे जाय।
पाछू घोड़ा लाल कुदाय।।
ऊँच अगासे  बहुते भाय।।
बोलव  संगी  एहर काय।

3~
परे मार ता रोवय तान।
धर देबे ता बंद जबान।।
रँधनी खोली म करय राज।
नाँव बतावव झटपट आज।।

4~
पाँच  परेवा  पाँचों संग।
महल  भीतरी एक्के रंग।।
एक जगा जम्मों सकलाय।
नइ कोनो पहिचाने पाय।।

5~
बगर-बगर के भँइस चराय।
बाँधे  पँडरू  बड़  मोटाय।।
छानी  परवा  चढ़ते  जाय।
कोंवर-कोंवर गजब सुहाय।।

कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा छत्तीसगढ़
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1-कुआँ, 2-आगी के लपटा, 3-बरतन, 4-पान सुपारी, 5-मखना,