शनिवार, 6 जून 2020

मोर सोनहा गाँव~सरसी छंद गीत

*सरसी छंद गीत ~ मोर सोनहा गाँव*

लीपेपोते सब घर अँगना, नीक लागथे ठाँव।
चिक्कन चाँदन चमचम चमकय, मोर सोनहा गाँव।।

बर पीपर अउ लीम बंभरी, जगा-जगा हे पेड़।
परिया भाँठा ओंटा-कोंटा, खेत खार अउ मेड़।।
मिलय गजब फुरहुर पुरवाही, गुरतुर फर अउ फूल।
बाग बगीचा अमरइया मा, बाँधँय झुलुवा झूल।।
जुड़हा छँइयाँ ठउर-ठउर मा, जुड़वासा हे नाँव।
चिक्कन चाँदन चमचम चमकय, मोर सोनहा गाँव।।-1

बड़े फजर ले साफ सफाई, गोबर छरा छिंचाय।
धुँगिया उड़े अगासा कोती, चूल्हा अगिन ढिलाय।।
परसा पाना मा अंगाकर, दाई रोटी पोय।
पिस पताल चटनी चुरपुरहा, कमिया कोत पठोय।।
सादा जिनगी सादा जेवन, देख-देख इतराँव।
चिक्कन चाँदन चमचम चमकय, मोर सोनहा गाँव।।-2

होत बिहनिया चिरई चिरगुन, चींव-चाँव मन भाय।
गर मा नोई डार पहटिया, हूत-हात चिल्लाय।
पनिहारिनमन पानी काँजी, भरँय कुआँ के पार।
संझौती के बेरा बरदी, लहुटय अपन दुवार।।
तुलसी चौरा दीया बाती, देखत माथ नवाँव।
चिक्कन चाँदन चमचम चमकय, मोर सोनहा गाँव।।-3

घाम छाँव अउ सरदी गरमी, चाहे हो चउमास।
लहू पछीना संग किसानी, अंतम मा धर आस।।
सुआ ददरिया करमा पंथी, जुरमिल गावँय गीत।
'अमित' पुजारी जाँगर के इन, धरती के मनमीत।।
धुर्रा माटी जनम भूमि के , माथा तिलक सजाँव।
चिक्कन चाँदन चमचम चमकय, मोर सोनहा गाँव।।-4
लीपेपोते सब घर अँगना, नीक लागथे ठाँव।
चिक्कन चाँदन चमचम चमकय, मोर सोनहा गाँव।।

कन्हैया साहू 'अमित'~06/06/2020
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