शनिवार, 8 मई 2021

दुलरवा दोहा ~ दामाखेड़ा धाम

दामाखेड़ा मेला
माघी पुन्नी मा चलव, दामाखेड़ा धाम।
दरशन ले साहेब के, बनथे बिगड़े काम।।

धर्मदास सतगुरु धनी,धरम नगर दरबार।
दामाखेड़ा धाम के, दुनिया भर जयकार।।

उग्रनाम साहेब जी, लीन इहाँ अवतार।
हाथ जोड़ हे बंदगी, सतगुरु बारम्बार।।

उग्रनाम साहेब जी, होइन संत फकीर।
धरम नगर मा आ बसे, ब्यालिस अंश कबीर।।

प्रगटे हें तिथि दसहरा, श्री प्रकाशमुनि नाम।
दरस चरन गुरु के मिलय, दामाखेड़ा धाम।।

माघ पंचमी शुभ घड़ी, सादर चढ़य गुलाल।
दसमी ले पुन्नी जिहाँ, लगय संत चौपाल।।

माँस सबो हा एक हे, का छेरी का गाय।
मार काट जे खात हे, मरत नरक मा जाय।।

एक बरोबर जात हे, मनखे एक समान।
सबले सुग्घर धर्म तैं, मानवता ला जान।।

खइता माया मोह हा, नाम भजन हे सार।
जनम मरन के फेर ले, सतगुरु करही पार।।

सादर बिनती मैं करँव, सतगुरु नाम प्रकाश।
बंदी छोंड़व मोर जी, उड़ँव उदित आकाश।।

मिलथे मनखे अब कहाँ, कहाँ संत हे आज।
दामाखेड़ा धाम मा, संगम सकल समाज।।
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कन्हैया साहू 'अमित' ~ 9200252055...©®

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