शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

बाल गीत ~ हमर जेवन

हमर जेवन
सुघर संतुलित होवय जेवन।
सोंच समझ के करहव सेवन।।...

सेहत सिरतोन असल धन हे।
पोठ  देंह  मा  सुंदर  मन  हे।।
बस सुवाद के चक्कर छोड़व,
डँट के  खाय म हमर मरन हे।।
खाव भले तुम खेवन-खेवन।

सुघर संतुलित होवय जेवन।
सोंच समझ के करहू सेवन।।~1

भाजी-पाला अउ तरकारी।
खावव तन-तन शाकाहारी।।
पताल, मुरई, ककड़ी, खीरा,
राखव  रोजे  अपने  थारी।।
सरी मौसमी फर हम लेवन।

सुघर संतुलित होवय जेवन।
सोंच समझ के करहू सेवन।।~2

दूध दही घी  दलहन  दलिया।
खावव संगी भर-भर मलिया।।
पीयव  आरुग  पानी  पसिया,
पिज्जा  बर्गर  होथे  छलिया।।
शेखी मा  झन  प्राण  ल देवन।

सुघर संतुलित होवय जेवन।
सोंच समझ के करहू सेवन।।~3
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12-हमर तीज तिहार

हरियर-हरियर हे हमर हरेली।
सावन मा ये छावय बरपेली।।
इही महीना मा आवय राखी।
भाई बहिनी के पिरीत साखी।।

भादो म भोजली तीजा-पोरा।
बेटी माई बर गजब अगोरा।।
कुँवार नवराती म भक्ति भारी।
कातिक मा जगर-बगर देवारी।।

पूस म पुन्नी आय छेरछेरा।
माई  कोठी,  धान हेर हेरा।।
फागुन मा रिंगी-चिंगी होरी।
एमा भरथे बड़ मया तिजोरी।।
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कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा-9200252055

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