हमर जेवन
सुघर संतुलित होवय जेवन।
सोंच समझ के करहव सेवन।।...
सेहत सिरतोन असल धन हे।
पोठ देंह मा सुंदर मन हे।।
बस सुवाद के चक्कर छोड़व,
डँट के खाय म हमर मरन हे।।
खाव भले तुम खेवन-खेवन।
सुघर संतुलित होवय जेवन।
सोंच समझ के करहू सेवन।।~1
भाजी-पाला अउ तरकारी।
खावव तन-तन शाकाहारी।।
पताल, मुरई, ककड़ी, खीरा,
राखव रोजे अपने थारी।।
सरी मौसमी फर हम लेवन।
सुघर संतुलित होवय जेवन।
सोंच समझ के करहू सेवन।।~2
दूध दही घी दलहन दलिया।
खावव संगी भर-भर मलिया।।
पीयव आरुग पानी पसिया,
पिज्जा बर्गर होथे छलिया।।
शेखी मा झन प्राण ल देवन।
सुघर संतुलित होवय जेवन।
सोंच समझ के करहू सेवन।।~3
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12-हमर तीज तिहार
हरियर-हरियर हे हमर हरेली।
सावन मा ये छावय बरपेली।।
इही महीना मा आवय राखी।
भाई बहिनी के पिरीत साखी।।
भादो म भोजली तीजा-पोरा।
बेटी माई बर गजब अगोरा।।
कुँवार नवराती म भक्ति भारी।
कातिक मा जगर-बगर देवारी।।
पूस म पुन्नी आय छेरछेरा।
माई कोठी, धान हेर हेरा।।
फागुन मा रिंगी-चिंगी होरी।
एमा भरथे बड़ मया तिजोरी।।
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कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा-9200252055
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