सोमवार, 8 मार्च 2021

छत्तीसगढ़ के छत्तीस गौरव ~ 02

माता कौशल्या
                  भारत भर मा माता कौशल्या के एकलौता मंदिर छत्तीसगढ़ मा हे। ये मंदिर हा रायपुर जिला के आरंग तहसील के चंदखुरी गाँव मा स्थित हे। ये मंदिर हा हमर छत्तीसगढ़ के गरब-गुमान हे। ये मंदिर के गर्भगृह मा माता कौशल्या के कोरा मा भगवान राम बालरुप मा हावय। महतारी अउ बेटा के मनमोहना रुप हा भक्तमन के मन ला सोज्झे मोह लेथे। ये मंदिर हा एकठन बड़का तरिया के बीचो-बीच स्थित हावय। एखर जीर्णोद्धार सन् 1973 मा करे गे रहिस। वइसे ये मंदिर के अवशेष सोमवंशी कालीन आठवीं-नौंवी शताब्दी के माने जाथे।
            छत्तीसगढ़ हा भगवान राम के ममा घर हरय। पुरातन समय मा छत्तीसगढ़ ला कौशल प्रदेश कहे जावय। भानुमंत कौशल प्रदेश के राजा रहिन अउ येमन अपन प्रदेश के नाँव मा अपन बेटी के नाँव कौशल्या रखिन। कौशल्या हा बहुते गुणी, ग्यानी, धर्मीन अउ संस्कारी बेटी रहिन। बिहाव के उमर मा कौशल्या के बिहाव अयोध्या के राजा दसरथ ले होइस। कन्यादान के बेरा राजा भानुमंत हा अपन दमांद राजा दसरथ ला आधा राज्य घलाव दीन। राजा दसरथ के तीन रानीमन मा कौशल्या सबले बड़े रानी रहिन। इनला महारानी के पदवी मिलिस। महारानी कौशल्या के बेटा राम अउ बहू सीता रहिन। एखरे सेती माता कौशल्या छत्तीसगढ़ के बेटी अउ भगवान राम जी हा इहाँ के भाँचा। छत्तीसगढ़ मा भाँचा के पाँव परे के सुग्घर परंपरा आज ले चलागत मा हे।
              कौशल्या के गुरु श्रृंगी ऋषि रहिन जौन ला कौशल राज्य के राज्यश्रय मिले रहिस। श्रृंगी ऋषि बड़ ग्यानी-ध्यानी, तपसी साधक रहिन। इँखर आश्रम सिहावा पर्वत उपर रहिस। ये जघा आज घलो छत्तीसगढ़ मा हावय। इहें ले छत्तीसगढ़ के जीवनरेखा महानदी के उद्गम होय हे। कौशल्या हा अपन गुरु के आश्रम मा रहिके वेद, पुराण अउ शास्त्रमन के ग्यान पाइन। कौशल्या बहुते गुणवंतीन रहिन। कौशल्या ला नीतिशास्त्र के गजबे ग्यान रहिस। नीतिशास्त्र उपर येमन मौलिक ग्रंथ के रचना करे हें। बहुते दयालु, सुशील अउ आज्ञाकारी रहिन कौशल्या माता हा। इँखर सुग्घर आदत-व्यवहार के सुग्घर प्रभाव रामजी के व्यक्तित्व उपर पड़िस। राम ला मर्यादा पुरुषोत्तम बनाये मा माता कौशल्या के सीखोना हा काम आये हे।
                घर परिवार अउ समाज ला सुशिक्षित, सभ्य अउ संस्कारी बनाना हे ता बेटीमन ला खच्चित पढ़ावव। इँखर पढ़े-लिखे ले परिवार घलाव शिक्षित होथे। महतारी के शिक्षा-दीक्षा नवा पीढ़ी के भविष्य ला गढ़थे। महारानी कौशल्या हा एक आदर्श पत्नी के संगे-संग एक आदर्श महतारी होय के धर्म निभाइन। महारानी कौशल्या के पढ़ना-लिखना हा इही बताथे के पुरातन काल मा घलो बालिका-शिक्षा ला बहुते महत्व दिये जावत रहिस।
         महारानी कौशल्या हा छत्तीसगढ़ ला गरब करे के मौका दीन। राम जइसन बेटा पाके अयोध्या धन्य होइस अउ भगवान जइसन भाँचा पाके कौशल प्रदेश हा बड़भागी होइस। एक आदर्श नारी अउ आदर्श महतारी के रुप मा महारानी कौशल्या के नाँव हमेशा उच्च स्थान मा रही। महारानी कौशल्या उपर सरी छत्तीसगढ़ ला गरब अउ गुमान हमेशा रहि।
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कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा छत्तीसगढ़

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