मंगलवार, 1 जून 2021

दुलरवा दोहा ~ डोंगरगढ़ धाम

डोंगरगढ़ बमलई

एक नगर कामावती, नाँव अमर इतिहास।
कामकंदला माधवन, कलाकार इन खास।।

कामसेन राजा रहिन, बिमला देवी पूत।
संगीत कला के धनी, देवी भक्त अकूत।।

रहै माधवन बड़ कुशल, बड़का संगीतकार।
कामकंदला नाच मा, राहय बड़ हुशियार।।

कामकंदला माधवन, रहैं राज दरबार।
इन दूनों के बीच मा, होगे मया अपार।।

राजा जानिस बात ला, होगे मन मतवाल।
डाँट-डपट माधवन ला, दे दिस देश निकाल।।

माधव के सुन बात ला, राजा विक्रम क्रुद्ध।।
कामाख्या गढ़ मा करिन, कामसेन ले युद्ध।।

राजामन के युद्ध मा, कखरो जीत न हार।
माँ बमलाई हो प्रगट, ठेनी करिन बिसार।।

कामकंदला माधवन, होगे दूनों एक।
देवी के आशीष ले, कारज होइस नेक।।

बमलाई के मंदिर बने, बहुते ऊँच पहार।
तन-मन मा गूँजय अमित, दाई के जयकार।।

लाखों भक्तन रोज के, दरश करे बर आँय।
सरधा के दू फूल चढ़ा, जगमग जोत जलाँय।।
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कन्हैया साहू 'अमित' ~ भाटापारा छत्तीसगढ़

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