यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 15 फ़रवरी 2021

जनऊला

जानव जनउला
1~
कारी गाय कलिन्दर खाय।
दुहते  रहव  दुहाते  जाय।।
जुच्छा एखर तीर म आँय।
टीप-टीप भरके घर जाँय।।

2~
करिया घोड़ा भागे जाय।
पाछू घोड़ा लाल कुदाय।।
ऊँच अगासे  बहुते भाय।।
बोलव  संगी  एहर काय।

3~
परे मार ता रोवय तान।
धर देबे ता बंद जबान।।
रँधनी खोली म करय राज।
नाँव बतावव झटपट आज।।

4~
पाँच  परेवा  पाँचों संग।
महल  भीतरी एक्के रंग।।
एक जगा जम्मों सकलाय।
नइ कोनो पहिचाने पाय।।

5~
बगर-बगर के भँइस चराय।
बाँधे  पँडरू  बड़  मोटाय।।
छानी  परवा  चढ़ते  जाय।
कोंवर-कोंवर गजब सुहाय।।

कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा छत्तीसगढ़
-------------------------------------------------------
1-कुआँ, 2-आगी के लपटा, 3-बरतन, 4-पान सुपारी, 5-मखना,

1 टिप्पणी:

चंद्रयान अभिमान

चंद्रयान  ले  नवा  बिहान,  हमर तिरंगा, बाढ़य शान। रोवर चलही दिन अउ रात, बने-बने बनही  हर  बात, दुनिया होगे अचरिज आज, भारत मुँड़़ अब सजगे ताज, ...