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मंगलवार, 27 जुलाई 2021

छत्तीसगढ़ी वर्णमाला कविता मा

छत्तीसगढ़ी वर्णमाला ~ बाल कविता
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अ से अमली बड़ अमटाहा।
आ से आमा  खा मनचाहा।।
इ से   इब्भा  मार  भगावौ।
ई से   ईंटा   महल  बनावौ।।

उ से उरिद बरा हम खाबो।
ऊ से ऊँटवा मा चढ़ जाबो।।
ए से  एड़ी  चिक्कन राखौ।
ऐ से  ऐना  मनभर झाँकौ।।
ओ से ओली मा  तरकारी।
औ से औरतमन महतारी।।

क से कड़ही गजब मिठाथे।
ख से  खपरा  छानी  छाथे।।
ग से  गगरी  पानी  भर  ले।
घ से  घर तैं सफ्फा कर ले।।

च से चटनी बासी खा ले।
छ से  छइहाँ मा सुरताले।।
ज से जरई  जामत  हावै।
झ से झगरा नइ तो भावै।।

ट से   टहलू   हाँका   पारै।
ठ से  ठलहा  फाँकी  मारै।।
ड से डबिया  कोन भुलाये।
ढ से  ढकना  ढाँक मढ़ाये।।

त से तरिया डुबक नहाबो।
थ से थरहा  धान  लगाबो।
द से  दरपन सब ला भाथे।।
ध से धनिया बड़ ममहाथे।
न से  नदिया   पूरा   आथे।।

प से  पखना  होथे  भारी।
फ से  फरा  संग  सोंहारी।
ब से  बइला  ललहूँ  धौंरा।।
भ से भजिया एक्के कौंरा।
म से  मचिया  माढ़े  चौंरा।।

य से  यश तैं पोठ कमाले।
र से  रखिया  नार चढ़ाले।।
ल से लइका  लाड़ू  खाही।
व से  वरदी  जँचे  सिपाही।।

स से  सरई  पेड़  बचावौ।
श से शक्कर कमती खावौ।।
ष से  षट ला गिनथें सब छै।
ह से  हलधर  के  होवय जै।।

रचना- कन्हैया साहू 'अमित'
शिक्षक-भाटापारा छत्तीसगढ़
गोठबात ~ 9200252055
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