स्कूल बलावत हे.... बालगीत
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।
पढ़ई-लिखई जिनगी हे। सार बात समझावत हे।
टाँग पीठ मा बस्ता, नइ हे दुरिहा रस्ता।
खाँध जोर सँगवारी, चलव स्कूल सरकारी।
भरती तिहार चलत हवय, सबके नाव लिखावत हे।
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।
कापी, किताब मिलही , नवा ड्रेस, तन खिलही।
तात भात सब खाहू, खेले कूदे पाहू।
नइ लागय पइसा-कौड़ी, सरकार ह समझावत हे।
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।
मुस्कात लाइब्रेरी, कविता, कहिनी ढेरी।
जतके जादा पढ़हू, वतके आगू पढ़हू।
लीपे-पोते विद्यालय, मन ला गजब लुहावत हे।
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।
पढ़ई-लिखई जिनगी हे। सार बात समझावत हे।
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सर्जक- कन्हैया साहू 'अमित' - 9200252055
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