फुग्गावाला
फुग्गावाला हा आये हे।
लइकामन सब सकलाये हे।।
रिंगी-चिंगी फुग्गा फूले।
तीर तार मा जम्मों बूले।।
दू रुपिया मा दूठन आवय।
लुहुर-लुहुर सब लेके जावय।।
छिंटही पिंवरी सादा लाली।
नाचत कूदत पीटँय ताली।।
हब हब फुग्गा सबो सिरागे।
लइकामन के चुहल थिरागे।।
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कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा छत्तीसगढ़
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