नता रिश्ता
जिनगी भर जेखर आभारी।
ओखर नाँव बाप महतारी।।
घर मा जेखर संगे रहना।
कहलाथें इन भाई बहना।।
दया मया नइ राहय बाँकी।
हरँय उहीमन ह कका काकी।
कहँय सदा हर बात म हव जी।
काहन उनला भइया भउजी।।
सोचय जे दिनरात भलाई।
उही ह बबा डोकरी दाई।।
अपन नता के मान मनौती।
बढ़ै तभे घर द्वार फभौती।।
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कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा-9200252055
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