यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 14 मई 2021

दुलरवा दोहा ~ हमर देश

हमर देश
हमर देश भारत अमित, हमर मान सम्मान।
एखर रक्षा बर हमन, देबो अपन परान।।

सोन चिरैया देश मा, दूध-दही बोहाय।
शून्य ज्ञान दाता इही, सरी जगत पतियाय।।

छाती ताने हे खड़े, गजब हिमालय सोज।
चरण धोय सागर तिनों, हमर देश के रोज।।

भारत अइसन देश हे, जिहाँ बरोबर धर्म।
जात-पात ला छोड़ के, अपन करँय सब कर्म।।

आनी-बानी बोली बचन, हमरे भारत देस।
खान-पान सबके अलग, अलग इँखर हे भेस।।

सुमता सबले सार हे, देशप्रेम सिगबोर।
रंगे भारत रंग मा, मया-दया घनघोर।।

भारत भुँइया ला अमित, बहुते पबरित जान।
माटी चंदन कस तिलक, माथ नवा दे मान।।

बैरी के गैरी मता, देथन छतिया चीर।
जौन माँगथे दूध ता, वोला देथन खीर।।

बैरी ला दे उँच जघा, पहिली दन समझाय।
नइ मानय जब बात ला, खच्चित प्रान गँवाय।।

चलही साँसा देंह मा, नस-नस लहू बोहाय।
अमित तिरंगा के कसम, सकही कोन झुकाय।।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
कन्हैया साहू 'अमित' ~9200252055....©®

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चंद्रयान अभिमान

चंद्रयान  ले  नवा  बिहान,  हमर तिरंगा, बाढ़य शान। रोवर चलही दिन अउ रात, बने-बने बनही  हर  बात, दुनिया होगे अचरिज आज, भारत मुँड़़ अब सजगे ताज, ...