किताब
हे किताब असल संगवारी।
देथे सिरतों सबो जानकारी।।
पढ़ले एला मनभर आगर।
भरे ज्ञान के टिपटिप सागर।।
दुनिया भरके बात बताथे।
मन के सरी भरम मेटाथे।।
हर सवाल के उत्तर मिलथे।
पढके अंतस सुग्घर खिलथे।।
संगी एला जौन बनाथे।
पढ़े लिखे मा अव्वल आथे।।
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कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा छत्तीसगढ़
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