पतंग
फरफर-फरफर उड़य पतंग।
किसिम-किसिम के कतको रंग।।
चिरई चिरगुन कस ऊँच अगास।
देखइया मन मस्त मतंग।।
मंजा डोरी ले पहिचान।
ढ़ील छोड़ दे, झन दे तान।।
जावय बादर ले ओ पार।
तभे जीत होही ये जान।।
ये पतंग कुछु सीख सिखाय।
बंधन ले जिनगी मुसकाय।।
जेखर बँधना जावय टूट।
फेर कभू ना वो टिक पाय।।
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कन्हैया साहू 'अमित'~भाटापारा छत्तीसगढ़
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