यह ब्लॉग खोजें
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ (Atom)
चंद्रयान अभिमान
चंद्रयान ले नवा बिहान, हमर तिरंगा, बाढ़य शान। रोवर चलही दिन अउ रात, बने-बने बनही हर बात, दुनिया होगे अचरिज आज, भारत मुँड़़ अब सजगे ताज, ...
-
1051- नोनी-बाबू खेलँय जान। खंभा दू गाड़ै मैदान।। आठ खिलाड़ी टीम बनाय। भागय तेला छू दँउड़ाय।। -खो-खो 1052- भुँइया मा ये खेले जाय। दाँव स...
-
1001- लाली डब्बा हावै साँच। भीतर बहुते पींयर खाँच।। खाँचा मा बड़ मोती दाँत। खावँय जम्मों मजा उड़ाँत।। -अनार 1002- आजे भर उपयोगी जान। काली ब...
-
छंद छतनार खातिर पद विस्तार ◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆ 1 सुगती छंद ( 7 मात्रा=त्रिकल चौकल) काज कर ले, प्राण धर ले। देश खातिर, देंह हाजिर।। इ...