यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 26 जून 2023

बालगीत - स्कूल बलावत हे

स्कूल बलावत हे.... बालगीत

टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।
पढ़ई-लिखई जिनगी हे।  सार बात समझावत हे।

टाँग पीठ मा बस्ता, नइ हे दुरिहा रस्ता।
खाँध जोर सँगवारी, चलव स्कूल सरकारी।
भरती तिहार चलत हवय, सबके नाव लिखावत हे।
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।

कापी, किताब मिलही , नवा ड्रेस, तन खिलही।
तात भात सब खाहू, खेले कूदे पाहू।
नइ लागय पइसा-कौड़ी, सरकार ह समझावत हे।
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।

मुस्कात लाइब्रेरी, कविता, कहिनी ढेरी।
जतके जादा पढ़हू, वतके आगू पढ़हू।
लीपे-पोते विद्यालय, मन ला गजब लुहावत हे।
टन-टन घंटी बाजत हे। चल-चल, स्कूल बलावत हे।
पढ़ई-लिखई जिनगी हे।  सार बात समझावत हे।
●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆●◆
सर्जक- कन्हैया साहू 'अमित' - 9200252055

चंद्रयान अभिमान

चंद्रयान  ले  नवा  बिहान,  हमर तिरंगा, बाढ़य शान। रोवर चलही दिन अउ रात, बने-बने बनही  हर  बात, दुनिया होगे अचरिज आज, भारत मुँड़़ अब सजगे ताज, ...