यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 9 मई 2021

दुलरवा दोहा ~ सेहत के दोहा-02

सेहत के दोहा-2

पहिली सेंधा नून ला, दे रँधनी मा स्थान।
सागर के सादा नमक, बिखहर येला जान।।

कलई के बरतन अमित, बउरय जे अनजान।
दय बीमारी नेवता, होय रोग फुरमान।।

नरियर अरसी घी तिली, घानी सरसों तेल।
जौन खाय येला सदा, होय हृदय ना फेल।।

जौन नाक ले साँस लै, उमर बढ़ै सौ साल।
मुँहु ले जौने साँस लै, ओखर बारा हाल।।

रक्तचाप हा बाढ़थे, अमित रहै समझाय।
किरिया खाके ईश के, छोड़व कॉफी चाय।।

फोड़ा फुन्सी घाव के, पीरा कहाँ सहाय।
बीस मिनट चुंबक रखौ, अपने आप मिटाय।।

चइत महीना मा अमित, पान लीम के खाव।
मलेरिया डेंगू तुरत, बारा कोस भगाव।।

अदरक तुलसी लौंग गुड़, काढ़ा करव तियार।
संझा बिहना कुनकुना, पियव सकल परिवार।।

जेवन करते साठ जी, मुँहु पानी झन डाल।
जाके सँघरा आँत मा, बनथे जी के काल।।

जेवन करके पी मही, बनके अमित सुजान।
फीटफाट सुग्घर रहौ, चमकै मुखड़ा आन।।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
कन्हैया साहू 'अमित' ~ 9200252055

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चंद्रयान अभिमान

चंद्रयान  ले  नवा  बिहान,  हमर तिरंगा, बाढ़य शान। रोवर चलही दिन अउ रात, बने-बने बनही  हर  बात, दुनिया होगे अचरिज आज, भारत मुँड़़ अब सजगे ताज, ...