यह ब्लॉग खोजें

रविवार, 9 मई 2021

दुलरवा दोहा ~ सेहत के दोहा-03

सेहत के दोहा-3
खड़े-खड़े पानी पियँय, माँड़ी गजब पिराय।
घूँट-घूँट पीये करव, सुग्घर बइठ थिराय।।

लघुशंका के बेर मा, खड़े रहव झन यार।
अपने हाड़ा पीठ के, होवय बड़ बेकार।।

सँघरा मछरी दूध के, झन करहू उपयोग।
खस्सू खजरी दाद के, तन मा होवय रोग।।

खावव खाली पेट मा, लीम पान गिन सात।
शुगर रोग दुरिहा रहै, भागय खाके मात।।

जुड़ मा बारा हाल हे, नाक रहै बोहाय।
नीलगिरी के तेल ला, कपड़ा डार सुँघाय।।

अजवाइन ला पीस के, गाढ़ा लेप लगाव।
चाम रोग दुरिहा रहै, चिक्कन देंह बनाव।।

दालचिनी झट डारलव, मुँहु के बदबू जाय।
सुग्घर महकै देख मुख, सबके मन ला भाय।।

पानी कमती जे पियै, ओखर जिनगी खार।
कब्ज गैस रोगी बनय, खरचा होय हजार।।

फुरहुर पानी अउ हवा, जेहा जमके पाय।
अमित निरोगी तन रहय, अंतस बड़ मुस्काय।।

आरुग जेवन ले अमित, राखत मन मा धीर।
खानपान काबू रखै, उही बनै दलगीर।।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
कन्हैया साहू 'अमित' ~ 9200252055....©®

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चंद्रयान अभिमान

चंद्रयान  ले  नवा  बिहान,  हमर तिरंगा, बाढ़य शान। रोवर चलही दिन अउ रात, बने-बने बनही  हर  बात, दुनिया होगे अचरिज आज, भारत मुँड़़ अब सजगे ताज, ...