साफ सफाई
सबले पहिली झार लव, अपने मन अँधियार।
अंतस के विश्वास ले, आवय झक उजियार।।
साफ सफाई मा हवय, जन-जन के कल्यान।
तन-मन ले जम्मों जुड़व, तभे सफल अभियान।।
साफ सफाई खुद करव, काबर मरथौ लाज।
जुरमिल सेवा हम करिन, बनही स्वच्छ समाज।।
कचरा काड़ी देख के, देवव तुमन सकेल।
साफ सफाई के बुता, जइसे कोनो खेल।।
एती-ओती झन थुँकव, खाके गुटका पान।
करथे येला साफ जी, हमर असन इंसान।।
घर ले भागय गंदगी, काँही होय न रोग।
किरिया खा खच्चित करव, शौचालय उपयोग।।
झारव जाला खोंधरा, अपने अँगना द्वार।
ये विकास के बीच मा, बनथे जी अटकार।।
गाँधीजी के बात ला, मानय अब संसार।
साफ सफाई मा बनँय, जम्मों जन सहकार।।
गाँव गली चमकत रहै, साफ सफाई सार।
अमित जौन अइसन करै, उहाँ कोन बीमार।।
साफ सफाई ला रखव, अपने भारत देस।
एक जघा मा डार के, देवव कचरा लेस।।
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कन्हैया साहू 'अमित' ~ 9200252055....©®
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