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बुधवार, 19 मई 2021

दुलरवा दोहा ~ बेटा

बेटा
होवय बेटा के जनम, अपने अँगना द्वार।
महतारी अउ बाप के, खुशी ह अपरंपार।।

बाप कहै अंतस अमित, बनही लाठी मोर।
दाई कुलकय हे अबड़, देखय पूत निटोर।।

बेटा होवय राम अस, जौन करै जग नाम।
कृष्ण कन्हैया बन करै, इही जगत मा काम।।

अपने अँगना मा भले, बेटा राहय एक।
सूरुज चंदा बन रहय, निरभय निरमल नेक।।

बेटा अपने काम ले, कुल के जस बगराय।
अमित भागमानी ददा, जिनगी हाँस पहाय।।

अपने घर के भार ला, अपने खाँध उठाय।
बेटा सिरतों मा उही, अमित सपूत कहाय।।

बाप कमाये हे गजब, बेटा देत उड़ाय।
अइसे मा सुख शांति हा, घर ले जाय रिसाय।।

बेटा पागा बाप के, होवय संग सजोर।
नइ लागय तब बाप ला, अपन हाथ चिभोर।।

बेटा चाहय सब अमित, एक पूत तो होय।
बाढ़ै बेटा बड़ तपय, बाप बिकट के रोय।।

नवा जमाना हे अलग, बेटा लहुटे बाप।
माथा धर रोवय ददा, काय करे हँव पाप।।
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कन्हैया साहू 'अमित' ~ 9200252055

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