इंटरनेट
बड़ उपयोगी नेट हे, भरे ज्ञान भंडार।।
घर बइठे सब जान लौ, खीसा मा संसार।।
गूगल याहू ज्ञान दँय, सिरतों सुग्घर सोज।
जब जइसे सब जान ले, अमित इँखर ले रोज।।
घंटा भर के काम हा, मिनट लगे हो जाय।
किरपा इंटरनेट के, झटपट सब निपटाय।।
कम्प्यूटर हा देंह हे, इंटरनेट ह प्राण।
मोबाइल के साँस बन, करय जगत कल्याण।।
मनरंजन के रूप मा, देख सिनेमा गीत।
सात समुंदर पार ले, गोठियाय मनमीत।।
पेट भले उन्ना रहै, भूख मार रहि जाँय।
अब तो इंटरनेट बिन, पल भर नइ रहि पाँय।।
हावय सोशल मीडिया, अपन हाथ हथियार।
बात बता बगरा बने, या कर अमित प्रचार।।
अमित फायदा नेट के, अइसन झन तैं जान।
बिगड़ै लइका गेम मा, हवय नँगत नुकसान।।
दिनभर बइठे नेट मा, आँखी परय जोर।
दिल दिमाग रोगी बनय, देखय जौन निटोर।।
चाल चलैं चतुरा इहाँ, रच के मायाजाल।
मया लबारी फाँस के, करदँय बारा हाल।।
होवय इंटरनेट ले, धनदौलत के लूट।
सावचेत राहय सबो, झन लव काँही छूट।।
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कन्हैया साहू 'अमित' ~ भाटापारा छत्तीसगढ़
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